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सुख दुख दोनों के सच्चे साथी

68 वां स्थापना दिवस निगम का

संकल्प

और कहीं फिर क्यों हो जाना

भरोसा ही परोसा है निगम ने सदा

एल आई सी का परिचय(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

भरोसे के मंडप में सुरक्षा का अनुष्ठान है एल आई सी, आश्वाशन की आंखों में सफलता का सुरमा है एल आई सी संकल्प को सिद्धि से मिला ही देती है एल आई सी विश्वास की गागर में उम्मीद का जल है एल आई सी, एक लंबे साथ का विश्वसनीय हमसफ़र है एल आई सी, *मैं हूं ना*जीवन के साथ भी, जीवन के बाद भी,ऐसा आश्वाशन है एल आई सी सुरक्षा का अभेद्य कवच है एल आई सी, प्रतिबद्धता,प्रयास,परिकल्पना की त्रिवेणी है एल आई सी, एक सुखद आभास का अनहद नाद है एल आई सी, सकारात्मक प्रतिस्पर्धा और परिवर्तनकारी दृश्टिकोण अपना कर विपणन के क्षेत्र में अग्रणीय है एल आई सी, सुरक्षा, भरोसे,संवृद्धि, संरक्षा,आशा,उल्लास,मेहनत इन सातों रंगों का इंद्रधनुष है एल आई सी, भरोसे और उम्मीद की ऐसी रंगोली है एल आई सी जो जीवन की भोर और साँझ, सुख और दुख में समानांतर खड़ी है, विशवास की गीता में कर्म का शंखनाद है एल आई सी, आशा के मानस में अडिगता की चौपाई है एल आई सी, विश्वास की गंगोत्री से उपलब्धि के गंगासागर तक का अनवरत सफर है एल आई सी उत्सव,आनंद,उमंग,तरंग,लक्ष्य अनेक उत्पादों को आंचल में समेटे है एल आई सी डिजिटल हो कर अति सरल और ज

कान्हा

हर द्रौपदी को नही मिलते कान्हा दुशाशन हर मोड़ पर हैं मिल जाते, भरी सभा मे होता है चीर हरण भीष्म मौन सा धारण हैं हम कर जाते।। बिटिया द्वारा बनाई गई दोनों ही पेंटिंग्स इन्ही भावों को उजागर करती हुई