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मैं सच में न भूलूंगी

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इससे प्यारी

गुरु और शिष्य

गुरु की गोद में ही पलते हैं प्रलय और निर्माण गुरु राम कृष्ण परमहंस थे तो शिष्य विवेकानंद बने अति महान अंधकार दूर कर जीवन से उजियारा लाने का गुरु ही करता आह्वान गुरु चाणक्य ने ही तो चंद्रगुप्त मौर्य के चरित्र का किया था निर्माण शिष्य तो होता है कच्ची मारी का डेला  गुरु ही पका पका कर लाता सदा सु परिणाम गुरु प्लेटो थे तो ही अरस्तू बना महान मैं नहीं तूं नहीं सत्य जाने सारा जहान गुरु अमोल मजूमदार थे तो महिला हाकी टीम के संगठन का हुआ काम टीम वर्क,साझे प्रयास,स्टेटरजी,नियमित अभ्यास का गुरु ही अंकुरित करता है बीज निष्काम हर संभावित सुधार और निखार की ओर गुरु ही करता है अग्रसर यही गुरु का शिष्य को इनाम  2014 में बीसीसीआई ने इन्हें  भारतीय महिला टीम की सौंपी कमान अगले 11 सालों में दिखा दिया उन्होंने बन की रियल कबीर खान जुनून,धैर्य और मेहनत से  भारत को  महिला क्रिकेट का चैंपियन बना डाला संकल्प को मिला दिया सिद्धि से मन में कुछ खास करने का जज्बा था पाला मैत्रेई सावित्री बाई फुले का  भी शीर्ष पर आता है नाम

Poem on bharat ki गौरव

*रच दिया बेटियों ने इतिहास* धरा पर रह कर सच में छू लिया आकाश तोड़ बेड़ियां, बढ़ी बेटियां,सच में रच दिया इतिहास क्या कुछ नहीं कर सकते प्रयास??? आम को बना सकते हैं अति अति खास अथक मेहनत से पल पल होता है विकास युगों से बेड़ियों में जकड़ी मानसिकता को दे दिया खुला आकाश *सपने वे हैं जो हमें सोने नहीं देते* अब्दुल कलाम के इस कथन को कर सार्थक, किया चहुं ओर उजास *बोझ नहीं शक्ति,संवेदना,अहसास हैं बेटियां* जो ठान लिया,पूरा करने का करती भरसक प्रयास वर्ल्ड कप ही नहीं जीती हैं बेटियां,जीती हैं हिम्मत,हौंसला,आत्मविश्वास *संकल्प को मिला दिया सिद्धि से* वांछित परिणामों का कर दिया शिलान्यास बुलंद हौंसला,मजबूत इरादे ला गया जीवन में प्रकाश जाने किन लम्हों में ठान लिया इन बेटियों ने चूल्हा चौक्का नहीं चौक्के छक्के लगाएंगे सदियों पुरानी मानसिकता की होलिका जलाएंगे बेलन नहीं बल्ला घुमाएंगे पूरे विश्व में विजय का डंका बजाएंगे कोई बाधा न बन सकेगी बाधक सफर को मंजिल से मिलाएंगे घर में चाय का कप नहीं वर्ल्ड कप लाएंगे बाउंडेशन तोड़ नई फाउंडेशन रखेंगे और दुनिया को दिखाएंगे उनकी इस सोच से घने तमस में दिखने लगा प्रकाश...

लम्हा लम्हा

एक परी

उम्र छोटी पर का बड़े(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*उम्र छोटी पर कर्म बड़े* यही परिचय है महिला क्रिकेट टीम का यही उनकी बनी पहचान साधारण पृष्ठभूमि पर असाधारण उपलब्धि बता हुई प्रतिभा नहीं मोहताज धन दौलत के, सच्चे प्रयासों से व्यक्ति बन सकता है धनवान कहां नहीं हैं बेटियां कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं अब इनसे हर ओर किया इन्होंने प्रस्थान बखूबी जानती हैं अपनी हर समस्या का समाधान कोसा न अपने परिवेश और परिस्थितियों को, दुविधा में सुविधा खोजने का जज्बा महान कर्म बदल सकता है भाग्य आज जान चुका है सारा जहान न रुकी न थकी ये कर्तव्य कर्मों का था इन्हें बखूबी भान लगन सच्ची,प्रतिबद्धता पक्की मेहनत कड़ी यही संकल्प को सिद्धि से मिलाने का उनका विज्ञान बढ़ी बेटियां,तोड़ी बेड़ियां बदली सोच,बदला जहांन