इस्तकबाल thought by snehpremchand June 08, 2020 वो आए जो घर आज अपने, हम करते हैं तहे दिल से उनका इस्तकबाल। कह दिया,बस कह दिया तपिश को चली जाए इस देहरी से, ठंडक लेे अब इस चौखट को संभाल।। Snehpremchand Read more