जब तक साँस बाकी है,लबों पर हो तेरा ही नाम, अंजनि का तू लाला है,सँवारे सबके बिगड़े काम।। संजीवनी बूटी लाने हेतु पूरा ही पर्वत द्रोण ले आए थे। राम भ्रात लक्ष्मण के तूने ही तो प्राण बचाये थे। फिर ज़रूरत पड़ी है तेरी,सुन लेना तूँ वीर हनुमान। अंजनि का तूँ लाला है,सँवारे सबके बिगड़े काम।। स्नेहप्रेमचन्द