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एक ही वृक्ष

राहें

Poem on oneness by sneh premchand

एक ही वृक्ष के हैं हम फल,फूल,पत्ते और हरी भरी शाखाएं। विविध्ता है बेशक बाहरी स्वरूपों में हमारे,पर मन की एकता की मिलती है राहें।। नियत समय पर वृक्ष ढह जाता है, छोटे छोटे पौधे वृक्ष का ले लेते है आकार। इन वृक्षों और लताओं का कर्तव्य है,करें बड़े वृक्ष के सपने साकार।।