Skip to main content

Posts

Showing posts with the label छांव छांव सी

छांव छांव सी(( जन्मदिन की दुआ मां की ओर से बिटिया को))

**धूप धूप** सी इस जिंदगी में रही  तूं छांव छांव सी, हुई जिंदगी, लाडो तुझ से गुलजार। ना सामर्थ्य भावों में, ना क्षमता अल्फाजों में, जो तुझ से प्रेम का कर पाऊं  इजहार।। **बूंद बूंद** सी इस जिंदगी में रही तूं गहरे सागर सी,  मैं नौका, तूं प्यारी पतवार। साहिल तक संग चली सागर के, नहीं छोड़ा कभी तूने मझधार।। एक कालखंड तक मैं थी मांझी, अब तूं इस पद की दावेदार। जिंदगी के दिनकर की पहली किरण तूं, **आरुषि** नाम की सही हकदार।। **कदम कदम** पर मिली हों बेशक तुझे चुनौतियां, **हिम्मत हिम्मत** रख की तूने स्वीकार।। **घाव घाव पर तूं **मरहम मरहम*" सी, नित नित हो तेरी सोच में बिटिया परिष्कार।। प्रेम मापने का सच बना ही नहीं कोई निर्धारित पैमाना, बता देती वरना है तुझ से कितना प्यार।। माना मेरे अस्तित्व से है वजूद तेरा, पर तेरे व्यक्तित्व से महक रहा चमन मेरा,हुआ प्रेम वृक्ष फलदार।। **करवट करवट** रहती है ख्यालों में तूं, **लम्हा लम्हा **तेरा हो बिटिया गुलजार।। **खंड खंड** सी जिंदगी की रही, लाडो तूं पूरी किताब। सबसे अनमोल है तूं मेरे लिए री, देख लिया लगा कर मैने पूरा हिसा