Skip to main content

Posts

Showing posts with the label कभी नहीं भूलूंगी

मैं ना भूलूंगी(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

मैं न भूलूंगी, मैं न भूलूंगी, कर्म की कावड़ में, जल मेहनत का भरने वाली सदा करूँगी तुझे सलाम। मुझे इस जग में लाने वाली, किसी हाल में न कुम्हलाने वाली, जुगनू नही सूरज भी हो तेरा गुलाम। मेहनत की सड़क पर पुल कर्म का बनाने वाली, सब चमका कर जो बनाती थी दीवाली। होली पूजन का था जिसका बड़ा काम मैं न भूलूंगी, मैं  न भूलूंगी, वो चुपके से कमरे में ले कर जाना वो सुदर से सूटों को बड़े चाव से दिखाना आगे पीछे की सारी बातें बताना, हिवड़े की कोई न बात छुपाना। वो बन कर सहेली,हंसना हंसाना मैं न भूलूंगी   मैं न भूलूंगी *उपलब्ध सीमित संसाधनों में बेहतर से बेहतरीन कर जाना* *बड़े बड़े सपने देख उन्हें अंजाम तक पहुंचाना* *शिक्षा के भाल पर संस्कारों का तिलक लगाना* * न कभी गिला, न शिकवा, न शिकायत कोई, कर्म की कूची से जिंदगी के कैनवास में सफलता के रंग भरते जाना* *संकल्प से सिद्धि तक के सफर में सच्चे सार्थक प्रयासों को अपनाना* **मैं सच में नहीं भूलूंगी**