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मुबारक हो तुमको जन्मदिन तुम्हारा

मुबारक हो तुमको जन्मदिन तुम्हारा मिले प्यार तुमको सदा ही  हमारा स्नेह की स्नेह भरी दुआएं  लाडले कर लेना स्वीकार एक यही चाह रहती है दिल में मेरे हों सदा तुझे खुशियों के दीदार मेरे जीवन की हो तुम ज्योति और जीने का सुंदर सहारा मुबारक हो तुम को जन्मदिन तुम्हारा मेरे दिल ने आज स्नेह भरे दिल से पुकारा जीवन के हर चक्रव्यूह में प्रवेश संग निकलना भी आए तुझ को, हो हर अनुभव ने तुझे बखूबी निखारा अपने भीतर छिपे हनुमान को पहचान कर,करना हर संभव कोशिश, कर्मों से करना ना कभी तू किनारा मुबारक हो तुमको जन्मदिन तुम्हारा दिनकर से ले लेना तेज तूं इंदु से शीतलता ले लेना प्रकृति से सीखना तूं अनुशासन पहाड़ों से अडिगता ले लेना जुगुनू से चमकना सीखना तूं नदियों का प्रवाह भी ले लेना सागर से सीखना गहराई अम्बर से ऊंचाई ले लेना धरा से सीखना तूं संयम कोयल से मधुर वाणी ले लेना अपनी जिंदगी की किताब को लिखना अपने ही नजरिए से कभी किसी हाल में किसी को कोई कष्ट न तूं देना दिल पर दस्तक,जेहन में बसेरा,चित में  तेरे लाडले पक्के निशान सत्कर्म ही हों परिचय पत्र तेरा, हों सत्कर्म ही तेरी पहचान कर्म से रावण कर से ही ...

जन्मदिन

मुबारक

मुबारक

जान की जान

क्या है ईद

अमर

प्रेम वृक्ष के ओ!पात हरे((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

जन्मदिन मुबारक

मुबारक मुबारक जन्मदिन मुबारक ( thought by Sneh premchand)

यही यथार्थ है जीवन का, प्रेम ही हर रिश्ते का आधार। कभी न टूटे डोर स्नेह की, महके सुमन से तेरा संसार।। भावों से दोस्ती है मेरी, अगर अल्फाजों से होता याराना बता देती क्या होती हैं दुआएं दिल की मन भी गा देता जोश भरा तराना।। हर खुशी मिले तुझे जीवन में, निभाए प्रेम से हर किरदार। कोई और खड़ा हो न हो संग मे पर साथ सदा खड़ा होता है परिवार।। परिवार के आधार स्तम्भ हो बेटा तुम नयनाभिराम हैं तुम्हारे दीदार। चेतन मन में चमको ध्रुव तारे से, हो प्रीति भरा तेरा संसार।।              दिल की कलम से                 स्नेह प्रेमचंद