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रूठ thought by snehpremchand

रूठ भी जाऊं तो फट से मना लेना तुम, लब से गर कुछ कह न पाऊं, तो आंखों को पढ़ लेना तुम।। न भी मानूं तो कर लेना तुम थोड़ा इसरार। पर छोड़ कभी न जाना तुम, दिल ने किया है तुम्ही से प्यार।।       Snehpremchand