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धर्म

प्रेम

प्रेम और करुणा विवाह के सूत्र में बंध गए,उनके जो संतान हुई ,जानिए,पुत्र हुए--सौहार्द,विनय,सहज,भाईचारा,अनुराग,सब बड़े प्यार से संग संग रहते थे,आज भी साथ ही रह रहे हैं। पुत्रियाँ हुई---स्नेह,दया,संतोष,विनम्रता,सहनशीलता,आज भी सारे भी बहन एक ही छत के नीचे अपने माता पिता की शीतल छाया में प्रेमनिवास में रहते हैं।

प्रेम

जब भी करते हैं मांसाहार

जब भी गोता लगाया

सबसे सुंदर

दामन करुणा का

ख्याल

तुम को देख तो ये ख्याल आया। करुणा की गंगोत्री से स्नेह की गंगा को बहाया।।