कृष्ण कहते हैं बुरा है जो उसे त्याग दो कर्म हों,मनुष्य हों या हों फिर विचार अहमियत ना दे गर कोई आप की बातों को,दे दो उसे खामोशी का उपहार अपनों के ही सामने जहां सच्चाई साबित करने की पड़े दरकार वहां बुरा बन जाना ही बेहतर है कर लो इस सत्य को स्वीकार