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प्रेम मापने का पैमाना(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

जब धड़कन धड़कन संग बतियाती है फिर हर शब्दावली अर्थ हीन हो जाती है फिर मौन मुखर हो जाता है ये दिल का दिल से नाता है मुझे तो प्रेम मापने का ये एक ही पैमाना समझ में आता है होता है जिससे प्रेम सच्चा फिर  सिर्फ नजर वो आता है अक्सर देखा है जीवन में शब्दों का स्थान भाव जीत ले जाता है हर भाव के लिए शब्दावली बनी ही नहीं,वरना जो लेखक कहना चाहता है वो श्रोता तक पहुंच नहीं  पाता है।।        स्नेह प्रेमचंद

पैमाना

मेरी नजर में आजादी के मायने(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

मेरी नजर में आजादी के मायने मुझे तो यही समझ में आते हैं। जहां अभिव्यक्ति को सही इजहार मिले,जब मन की बात जुबान पर हम लाते हैं।। जब मां मातृभूमि और मातृभाषा को समान अधिकार मिले वही आजादी है। जहां उच्चारण और आचरण में ना हो कोई भी अंतर, जहां कथनी को हम करनी से निभाते हैं।। जब अधिकार संग हम जिम्मेदारी भी उठाते हैं।। सामूहिक चेतना का हो रहा है पुनर्जागरण,इस चेतना को जब चेतन और अचेतन दोनों मनों में पाते हैं,सही मायनो में आजाद हम हो जाते हैं।। जब जनकल्याण से जगकल्याण के हम  राही बन जाते हैं।। **स्वदेशी**पर हो गर्व हमे और आत्मनिर्भर भारत सब की रगों में दौड़े, आत्मनिर्भर भारत समाज का जन आंदोलन बन जाए, ऐसे भारत का सपना जब जन जन को हम दिखाते हैं,सही मायनो में आजाद हम हो जाते हैं।। अनुशासित जीवन,कर्तव्य के प्रति समर्पण और चेतना के पुरजागरण की राह पर जब जाते हैं।। अनमोल क्षमता वाले इस भारत में जब प्रतिभा को अधिकार दिलाते हैं।। प्राकृतिक खेती को जब अपना मुख्य ध्येय बनाते हैं।।।। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को उच्चारण में नहीं आचरण में कर पाते हैं।। **हमारी विरासत हमारी प्राण शक्ति