एक ही वृक्ष के हैं हम फल फूल पत्ते और हरी भरी शाखाएं विविधता है बेशक बाहरी स्वरूपों में हमारे, पर मन की एकता की मिलती हैं राहें *एक सा परिवेश एक सी परवरिश* पर जिंदगी के एक मोड़ पर होना पड़ता ही है जुदा एक दूजे से, बेशक हम चाहें या ना चाहें सबसे लंबा सबसे प्यारा साथ होता है भाई बहनों का जीवन में, बेशक और कितने ही नए नए नाते जीवन में आएं मात पिता का अक्स नजर आता है भाई बहनों में,बशर्ते कि हम देखना चाहें परिवार मात्र चार लोगों का ही नहीं होता,भाई बहन तो जीवन के आरंभ का पहला परिवार है क्यों ना सरल सी बात समझ में सबकी ना आए सब प्रेम वृक्ष के ही तो पुष्प कलियां हैं महक प्रेम की सभी में एक सी आए हुनर भले ही हों न्यारे न्यारे सब के पर हुनियारे में एक नजर आएं हमारे जन्म से अपनी मृत्यु तक जो दिल में हमें बसाते हैं कोई और नहीं वे प्यारे बंधु *मात पिता* कहलाते हैं है ना विडंबना ये कितनी बड़ी जो हमें बोलना सिखाते हैं उन्हीं से हमारे संवाद और संबोधन कम हो जाते हैं बनते हैं हम जब मात पिता तब ये सत्य समझ में आते ह...