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Showing posts with the label प्रेम ही हर नाते का आधार

सबसे बड़ी दौलत परिवार(( विचार स्नेह सावित्री प्रेमचंद द्वारा))

एक ही वृक्ष के हैं हम  फल फूल पत्ते और हरी भरी शाखाएं विविधता है बेशक बाहरी स्वरूपों में हमारे, पर मन की एकता की मिलती हैं राहें *एक सा परिवेश एक सी परवरिश* पर जिंदगी के एक मोड़ पर होना पड़ता ही है जुदा एक दूजे से, बेशक हम चाहें या ना चाहें सबसे लंबा सबसे प्यारा साथ होता है भाई बहनों का जीवन में, बेशक और कितने ही नए नए नाते जीवन में आएं मात पिता का अक्स नजर आता है भाई बहनों में,बशर्ते कि हम देखना चाहें परिवार मात्र चार लोगों का ही नहीं होता,भाई बहन तो जीवन के आरंभ का पहला परिवार है क्यों ना सरल सी बात समझ में सबकी ना आए सब प्रेम वृक्ष के ही तो पुष्प कलियां हैं महक प्रेम की सभी में एक सी आए हुनर भले ही हों न्यारे न्यारे सब के पर हुनियारे में एक नजर आएं हमारे जन्म से अपनी मृत्यु तक जो दिल में हमें बसाते हैं कोई और नहीं वे प्यारे बंधु *मात पिता* कहलाते हैं  है ना विडंबना ये कितनी बड़ी जो हमें बोलना सिखाते हैं  उन्हीं से हमारे संवाद और संबोधन कम हो जाते हैं बनते हैं हम जब मात पिता तब ये सत्य समझ में आते ह...

मुबारक मुबारक जन्मदिन मुबारक

कुछ कर दर गुजर,कुछ कर दरकिनार

आने वाला हर लम्हा हो खुशगवार

आने वाला हर लम्हा हो खुशगवार मन खुश हो तो हर लम्हा है त्योहार प्रेम,करुणा,सहजता,विनम्रता सदा दें दस्तक तेरे द्वार मन हो जाता है मंदिर, गर सो जाता है अहंकार कुछ कर दरगुजर, कुछ कर दरकिनार यही मूल मंत्र है जीवन का, प्रेम ही हर रिश्ते का आधार मुबारक मुबारक जन्मदिन मुबारक जीवन ज्योति रहे सदा बरकरार