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हो बात जो उनके जाने की

For sneh dhawan she left cirawa today  हो बात तुम्हारे जाने की तो आंख सजल तो होनी थी,  मां जैसा साया छिन जाये ये बिटिया तो फिर रोनी थी।  कितना कुछ अब खो जायेगा, दफ्तर सूना हो जायेगा,  न हम दौडे आयेंगे न तेरा बुलावा आयेगा।  कितनी राह बतायी तुमने,जीने की कला सिखायी तुमने,  तुम्हारा नहीं कोई सानी है,तुम्हारी याद तो आनी है।  कितनी खुशियां है दी तुमने और कितने गम यूं बांटे हैं  इसमें कुछ भी झूठ नहीं हम सच सच ही बतलाते हैं।  बेसक तुम हमे भुला दो कभी पर हम तो न भुला अब पायेंगे,  ममता भरे तुम्हारे हाथ सदा ही सिर पर चाहेंगे।

हो बात जो उनके जाने की(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

किसी का काम अच्छा होता है किसी का अच्छा होता है व्यवहार।  दोनों ही अच्छे हो जिसके,  रीना मैडम का नाम है इसम शुमार।।  दिल की बात नहीं हुआ करती सबसे,  पर आप से हो जाती थी जाने कितनी ही बार।  बहुत अच्छे से आप जानते भी हो, मानते भी हो,  प्रेम ही हर रिश्ते का आधार।।   अधरों पर आपके खिली रहे  यूं ही यह मोहक मुस्कान।  *मधुर वाणी और मधुर व्यवहार* दिए ईश्वर ने आपको दोनों ही वरदान।।  आज एक पारी पूरी हुई आपकी, दूसरी पारी का भी खिले गुलिस्तान।  *कर्म ही असली परिचय पत्र हैं व्यक्ति का*  वरना एक ही नाम से तो व्यक्ति होते हैं हजार। कर्म का शंखनाद बजाया आपने सदा लगन से,  कर्तव्य कर्मों से ना मानी कभी हार।। * कर्म और व्यवहर यही तो है मानव जीवन का सार* दोनों ही श्रेष्ठतम रहे आपके,  निभाया उम्दा हर किरदार।। अच्छी बहू, बेटी, पत्नी, मां, ननंद कार्यकर्ता  हर नाते का नाम है इस में शुमार। * जिंदगी हर कदम एक नई जंग है* आजमाईशों से भी ना मानी कभी हार।  धूप छांव सी इस जिंदगी में किया, कर्म का सदा श्रृंगार।।  *हो बात जो उनके जाने की,  ये नयन सजल तो होने थे*  बहन से साया गर छिन जाए,  ताने-बाने मन के तो