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क्रिया

क्रिया

मौन है सर्वोत्तम

क्रिया के प्रति

क्रिया

प्रेरणा

नज़र Thought by Sneh premchand

दस्तक

समय की चौखट पर दस्तक

दस्तक

नहीं आया

नहीं आया

मदर्स और फादर्स डे

सही समय पर सही चीजों का अहसास ज़रूरी है। सही क्रिया की सही प्रतिक्रिया ज़रूरी है। उंगली पकड़ कर चलाने वालों के बूढ़े कंपकंपाते हाथ थमाने ज़रूरी हैं। प्राथमिकताएं सेट करनी ज़रूरी हैं, गलत को गलत कहना औऱ मानना ज़रूरी है। अपने विवेक से काम लेते हुए अपने दिमाग का रिमोट अपने हाथ मे रखना ज़रुरी है। अब तुलसीदास बनना है या श्रवण कुमार, इस विकल्प में से सही चयन ज़रूरी है। और अधिक नही आता कहना,माँबाप का ध्यान रखना ज़रूरी है। वास्तव में यही मदर्स औऱ फादर्स डे है।              स्नेहप्रेमचंद