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Showing posts with the label खामोशी

उत्तर

कई बार

हरारत मतभेद की

सोच कर बोलना

जवाब

कोलाहल

उत्तर

बाज़ औकात

कबूल था

सुलह

कौन कहता है

एक सवाल है मेरा

फितरत thought by snehpremchand

खामोशी थी फितरत में हमारी तभी सब निभाते चले गए। न गिला,न शिकवा,न शिकायत की, जो रूठे,उन्हें मनाते चले गए।।

कोलाहल

कई बार खामोशी शब्दों से अधिक कोलाहल करती है।