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Showing posts from August, 2024

एल आई सी के द्वारे

जैसे धरा ने

सुरक्षा और विश्वाश

मुबारक मुबारक 68 वा जन्मदिन

समाधान हेतु आगमन(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

भारतीय जीवन बीमा निगम(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

भा---रतीय जीवन बीमा निगम का दूसरा नाम है सुरक्षा और विशवास सुखद वर्तमान,उज्जवल भविष्य का निगम हमारा सांझा प्रयास र--हें ना रहें हम,पर आर्थिक तंगी ना आए अपनों के पास आस ना छूटे,विश्वास ना टूटे, विविध उत्पाद  इसके अति खास ती---र्थ भी कर्म है,धाम भी कर्म है,इसी सोच से हुआ है सतत इसका विकास य---हाँ, वहाँ सर्वत्र पसारे पाँव निगम ने,अपने अस्तित्व का इसे बखूबी अहसास जी--वन के साथ भी,जीवन के बाद भी,निराशा में भी आशा का किया है वास व---नचित न रहे कोई भी उत्पादों से इसके, यथासंभव किया इसने हर प्रयास न---भ सी छू ली हैं ऊंचाईयां, आता है धरा के भी रहना पास बी---च भंवर में जब कोई चला जाता है, छोड़ कर, होती है आर्थिक संबल की  निगम से आस मान स्वाभिमान बना रहे व्यक्ति का,इसी सोच का किया विकास मा---हौल बनाया निगम ने ऐसा,जैसे कुसुम में होती है सुवास नि---यमो को नही रखा कभी ताक पर, हर वर्ग को जोड़ कर खुद से सतत किया जिसने प्रयास, ग---रिमा अपनी रखी बनाई,सबको जीवन मे राह दिखाई, दिनकर से तेज का इसमे वास हो जाए गर कोई अनहोनी, *मैं हूं ना*तीनों शब्द हैं इसके पास म---जबूत हौंसला,ब...

संबोधन और उद्बोधन

ऐसा फिल्टर होता था

आशा का दिनकर

कभी कभी

हिंदी लगती है ऐसी

हिंदी दिवस

शब्द हिंदी के

हिंदी तो मेरी रूह में

गलती और गुनाह(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

life is to short

सबसे आसान काम है

ऊर्जा

very important

love

मायने प्रेम के

Meaning of love( thought by Sneh premchand))

Love is care,concern, security,respect,friendship, assurance,company, faith,space,responsibility & commitment Love repairs every distort & hurt emotion in a very natural way love is balm on a wound Love is hope love is life Love enhances our capabitites,capacity,desire, confidence,strength emotionally as well as phisically& inner beauty that reflects in our personlity. Love is not always to get It is to give. When u r giving ur expectations r less No expectation no clash Love is to respect one's  Individuality one's privacy Love is to recognize the qualities & flaws after that to enhance our qualities and  to remove bad habits Love is never forceful It is spontaneius but warm Kindness & senstivity r two sisters of love,softness & sweetness r parents Love explores all possible  hidden abilities & helps us to  perform best in our life Love stands firm in every sun & shadow It shines in salt & sugar of our life As ...

love is "मैं हूं ना" (( thought by Sneh premchand))

यादों की बारात

लंबी कहानी

हिंदी के द्वारे

कच्चे धागे पर पक्का बंधन(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

कच्चे धागे,पर पक्का बंधन,  दे देना भाई बस एक उपहार, दूँ आवाज़ जब भी दूर कहीं से भी, चले आना बहन के घर द्वार।। औपचारिकता भरा नही ये नाता, बस प्रेम से इसको निभाना हो आता, उलझे हैं दोनों ही अपने अपने परिवारों में, पर ज़िक्र एक दूजे का मुस्कान है ले आता।। उलझे रिश्तों के ताने बानो को सुलझा कर,अँखियाँ करना चाहें एक दूजे का दीदार, कच्चे धागे,पर पक्का बंधन, दे देना  भाई बस एक उपहार।। एक उपहार मैं और मांगती हूँ, मत करना भाई इनकार, दिल से निकली अर्ज़ है मेरी, कर लेना इसको स्वीकार, माँ बाबूजी अब बूढ़े हो चले हैं, निश्चित ही होती होगी तकरार, पर याद कर वो पल पुराने, करना उनमें ईश्वर का दीदार, उनका तो तुझ पर ही शुरू होकर, तुझ पर ही खत्म होता है संसार, कभी झल्लाएंगे भी,कभी बड़बड़ाएंगे भी, भूल कर इन सब को,उन्हें मन से कर लेना स्वीकार और अधिक तेरी बहना को,  कुछ भी नही चाहिए उपहार।। हो सके तो कुछ वो लम्हे दे देना, जब औपचारिकताओं का नही था स्थान, वो अहसास दे देना,जब लड़ने झगड़ने के बाद भी,बेचैनी को लग जाता था विराम, उन अनुभवों की दे देना भाई सौगात, जब साथ खेलते,पढ़ते, लड़ते,झगड़ते, पर कभी भी न दिखाते...

गोपाल

हो बात तुम्हारे जाने की(! उदगार सनी और जवाब स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

For sneh dhawan she left Chirawa today  हो बात तुम्हारे जाने की  तो आंख सजल तो होनी थी,  मां जैसा साया छिन जाये ये बिटिया तो फिर रोनी थी।  कितना कुछ अब खो जायेगा, दफ्तर सूना हो जायेगा,  न हम दौडे आयेंगे न तेरा बुलावा आयेगा।  कितनी राह बतायी तुमने, जीने की कला सिखायी तुमने,  तुम्हारा नहीं कोई सानी है, तुम्हारी याद तो आनी है।  कितनी खुशियां है दी तुमने  और कितने गम यूं बांटे हैं  इसमें कुछ भी झूठ नहीं  हम सच सच ही बतलाते हैं।  बेशक तुम हमे भुला दो कभी  पर हम तो न भुला अब पायेंगे,  ममता भरे तुम्हारे हाथ  सदा ही सिर पर चाहेंगे। सदा सिर पर तुम्हारे हाथ रहेगा रिश्ता ये दिल का दिल से खास रहेगा तुम रहोगी सदा ही जेहन में मेरे सत्य ये मेरा दिल तुमसे कहेगा माना खून का नाता तो  नहीं है तुझ से, पर दिल का दिल से नाता सदा ही महकेगा कुछ लोग जेहन में  ऐसे बस जाते हैं जैसे सावन भादों  आने पर तन मन भीग जाते है  जैसे घर में घुसते ही बच्चे  मां को आवाज लगाते हैं जैसे गली में गुब्बारे वाले को देख ब...

गिरधर(( जन्माष्टमी विशेष भगति भाव स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

फिर से आ जाओ ना माधव

कृष्ण कृष्ण करते रहते हो

आसान नहीं है कृष्ण होना

आर्यावर्त का तूं अभिमान(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

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