कह दिया हमने बरस लो बादलों जितना बरस सकते हो,हमारी आँखों में अब आंसू सूख गए हैं,कह दिया हमने सागर से,ला सकते हो जो सुनामी ले आओ ,हमारी सुनामी तो आयी,और सबसे अनमोल खजाने को बहा ले गयी,कह दिया हमने परिंदों से,उड़ना है जितना उड़ लो अनंत गगन में,अब हमें तो उड़ने की ज़ुस्तज़ु ही न रही