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Showing posts from January, 2024

जन्मदिन मुबारक हो

कब बीत गए 29 साल

कब बीत गए बरस 29 हो ही नहीं पाया अहसास कारवां चलता रहा, समय गुजरता गया,  घटती रही घटनाएं, कभी आम और कभी खास।। जीवन के सफ़र की कल्पना भी अब एक दूजे बिन लगती है अधूरी। ये रिश्ता ही ऐसा है, हौले हौले सिमट जाती है हर दूरी।। हर भोर उजली है संग एक दूजे के, और हर  सांझ बन जाती है सिंदूरी।। साथ बना रहे,विश्वास सजा रहे, है नाता सच मे ये अति खास। कब बीत गया समय इतना, हो ही नहीं पाया आभास।।

तेरा मेरा साथ रहे

तेरा मेरा साथ रहे, है यही गुजारिश ओ परवरदिगार धूप हो छांव हो हों एक दूजे के दीदार

खरामा खरामा

खरामा खरामा सफर जीवन का अपनी ही गति से चला जाता है, जीवन के सफर में ओ हमसफ़र, साथ तेरा ही भाता है।। जाने कितने ही उतार चढ़ाव आते हैं जीवन में, खट्टे मीठे अनुभवों संग भी रिश्ता ये गहराता है, 290बरस का सफर संग पूरा हुआ, प्रेम ही आधार है इस रिश्ते का, मानो ये समझाता है।। यूँ ही चलती रहे ये ज़िंदगानी, सुख दुख तो जीवन में यूँ ही आता जाता है।। हर धूप छांव में बने रहे साथ तेरा, दिल यही मेरा गुनगुनाता है बिन कहे ही जान ले जो मन की, वो हमसफर सच्चा मीत बन जाता है

प्रेम सहजता भरोसा विश्वास

प्रेम,प्रतिबद्धता,सहजता,विश्वास यही बनाती हैं जीवन को ख़ास इन सब से ओत प्रोत हो गर जीवनसाथी हर दिन उत्सव है बिन प्रयास किसी ख़ास दिन का मोहताज नही होता जश्न फिर पल पल जश्न का होता है आगाज़ माँ बाप और जीवनसाथी सजता है इनसे जीवन का साज रहे सदा सजा ये साज प्रीतम बस आती है दिल से यही आवाज़ साथ अगर होता है स्नेहिल पंखों को मिल जाती है परवाज़ मधुर संवाद,परवाह,स्पेस,स्मर्पण अनुराग आधार सतंभ ये दांपत्य जीवन के, फिर महकता ये नाता जैसे पुष्प में पराग मतभेद भले ही हो जाएं, पर मनभेद की ना चले कभी बयार प्रेम की बहे सतत धारा, चित में आए ना कोई विकार