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Showing posts with the label रही बन कर तीन शीतल फुहार

धूप छांव सी इस जिंदगी में

*धूप छांव सी इस जिंदगी में रही तूं सदा बन के शीतल फुहार हरे हो गए रेगिस्तान जब भी हुआ मिलन तुझ से,पतझड़ में भी तूं बसंत बहार रोहतक से बर्लिन तक के सफर में कर्म,धीरज,स्नेह ही रहे तेरे सच्चा श्रृंगार*