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नीरज से महके(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

नी__रज की तरह महके हो आज, सुवासित हो रहा है सारा जहान। र__हे अपने लक्ष्य पर केंद्रित, Kin अल्फाजों में करें आपका गुणगान।। ज__ग में कर दिया नाम रोशन अपना और वतन का,असली मायने में धनवान।।