Skip to main content

Posts

Showing posts with the label सही अलंकार

ओ पारस मणि!((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

ओ पारस मणि! याद आवे घणी, सदा किया तूने जिंदगी का जिजीविषा से श्रृंगार। जीवन समर की ओ पुरोधा ! कभी हार न मानी,चलती रही तूं, प्रेम को ही बनाया सदा जीवन का आधार।।              स्नेह प्रेमचंद