Skip to main content

Posts

Showing posts with the label कोई भी तो नहीं

मां से बड़ा शिक्षक कोई नहीं

Best poem on mother #मां बिन पूछे भला हाल कौन# मां ईश्वर का पर्याय(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*घंटे भर की दूरी पर था मेरा ननिहाल* पर कभी ना देखा मां को आते जाते अक्सर उठता था मेरे दिल में एक सवाल मां अपने ही घर जाने में क्यों लगा देती है सालों साल??? तब समझ नहीं आता था,अब समझ आता है मां के दिल का हाल मात पिता से ही होता है मायका नहीं रखता उन जैसा कोई भी ख्याल नहीं पूछता कोई मा के जैसे कितने दिन हो गए तुझे लाडो आए मेरा चित हुआ जाए बेहाल ना कोई हाथ पकड़ ले जाता भीतर हर नाते को लिया खंगाल धन भले ही बढ़ गया हो मेरा पर नातों में गरीब सी हो गई हूं रहता चित में यही मलाल नहीं रहे जब नाना नानी मां का धूलि में रम जाता बैग था पर नेहर जाने की तत्परता नहीं रखी थी पाल अब जब उम्र बढ़ने लगी है मेरी समझने लगी क्यों उदासीनता की मां चलने लगी थी चाल

साड़ी से सुंदर कोई परिधान नहीं

क्या होगी इससे प्यारी तस्वीर कोई

इससे प्यारी भला क्या होगी तस्वीर कोई

मात पिता जैसा कोई नहीं(( vichar Sneh premchand dwara)

दिल का अमीर आप सा कोई नहीं

मां से प्यारा कोई नाता नहीं

मां से प्यारा नहीं कोई नाता

मां सा सच में कोई नहीं

मां सा शिक्षक कोई नही

कोई नहीं

कोई नहीं सुनता फरियाद

Thought on mother by sneh प्रेम चन्द

माँ जैसा कोई नहीं