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पता ही नहीं चला,कब बीत गए 12 साल

पता ही नही चला, और बीत भी गए 12साल, पापा हमसे बिछड़े हुए, सुनाएं किसको अब  अपना  हाल??? एक सहजता  का आंगन बाबुल का कहलाता है, बच्चों की मुस्कान हेतु,वो उनकी हर परेशानी सहलाता है।। *होती है गर कोई परेशानी, पिता आगे बढ़ कर आता है* *नारियल सा होता है पिता  ऊपर से कठोर भीतर से नर्म ऐसा पिता बच्चों का नाता है* नही जगह ले सकता कोई मात पिता की,ईश्वर उनकी रूह को एक नए साबुन से ही नहलाता है, फिर भेज देता है पास हमारे,वो जन्मदाता पिता कहलाता है।। बरगद की घनी छाया है पिता, सबसे घना सुरक्षा साया है पिता, सहजता का पर्याय है पिता, बेटी का तो पीहर है पिता अपनत्व के मंडप में प्रेमअनुष्ठान है पिता, हर समस्या का समाधान,, हर सवाल का जवाब है पिता, मां का रौब,रुतबा,अधिकार है पिता माँ की तरह उसे प्रेम का करना नही आता इज़हार, ऊपर से कठोर, भीतर से नरम, वाह रे पिता का अदभुत प्यार।। *मैं हूँ न*कहने वाला होता है पिता, सबसे अच्छी जीवन मे राय है पिता, पता ही न चला,कब बीत गए 12 साल, कोई नही पूछता अब क्या है हमारे दिल का हाल। करबद्ध हम कर रहे परमपिता से यह अरदास, मिले शांति उनकी दिवंगत आत्मा को,है प्रार्थन