कभी कभी नहीं अक्सर मेरे दिल में ख्याल आता है कुछ लोगों को ईश्वर कितनी फुर्सत में बनाता है इस फेरहिस्त में मां जाई! नाम तेरा शीर्ष पर आता है किसी का संवाद भला होता है किसी का भला होता है व्यवहार दोनो ही अति उत्तम रहे जिसके,नाम था अंजु कुमार
कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है जब ज़िन्दगी चार दिनों की ही है तो फिर ये आपाधापी किस लिए???? कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है कि हम कुछ भी कर लें,कहीं भी चले जाएं,पर जब तक परिवार संग साझा नहीं करते,आंतरिक खुशी मिल ही नहीं सकती।। स्नेह प्रेमचंद