भात से सुंदर क्या होगा कोई और रस्मों रिवाज???? आती है वो मां जाई देने निमंत्रण, बज उठते है दिल के सारे साज।। मात पिता के बाद भाई बहन से सुंदर होता नहीं कोई भी नाता हो जरूरत जब खड़े संग हों,दीदार ही एक दूजे के मन निर्मल कर जाता।। ध्यान से देखो तो अक्स मात पिता का एक दूजे में नजर है आता।। आओ वो अक्स फिर इस पावन बेला पर एक दूजे में देखें।।