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वो जब याद आए thought by स्नेह प्रेम चन्द

वो जब याद आये ,बहुत याद आये, रो दिए नैना,और लब थरथरा ए,  सारी स्मृतियाँ आ गयी आँखों के आगे, जिन पर बरसों से धूल सजी थी, अब क्या भूलूँ क्या याद करूँ मैं,  माँ तो अन्तःकरण के हर कोने में बसी थी।। मां के कितने उजले होते हैं साए।।