मन में ही रावण मन में ही राम आज अभी इसी पल से जप लो जाने कब आ जाए जीवन की शाम लग जाती है जब लागी राम की नहीं आता रास फिर और कोई नाम शरणागत की रक्षा करते बजरंगी चित में दिखते श्री राम शबरी की श्रद्धा में राम अहिल्या के इंतजार में राम जटायु के त्याग में राम केवट के भावों में राम विभीषण के विचारों में राम भाइयों के संस्कारों में राम मात पिता के दिल में राम जन जन की आस्था में राम कहां नहीं हैं राम???? राम नजर आते हैं हर आकृति आकार में राम बस जाते हैं जिस चित में फिर रहते उसकी सोच विचार में