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हिंदी भावों का सुंदर परिधान(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

सुर की सरगम, दिल की धड़कन  हिंदी भाषा अति महान*  *सरल,सहज,सुगम बोधगम्य,  हिंदी भावों का सुंदर परिधान* और परिचय क्या दूं हिंदी का??? हिंदी तो जन जन का गान *साहित्य का आदित्य है आर्यव्रत का है अभिमान*  *एकता के सूत्र में बांधे है हिंदी  जन कल्याण का करें आह्वान*  *भारत भाल की बिंदी हिंदी* *सागर सी गहरी भाव प्रधान*  *हिंदी कविता की गहरी सरिता* *मनोभावों का सुंदर परिधान*  *सुर की सरगम, दिल की धड़कन  हिंदी भाषा अति महान* * तुलसी की रामायण हिंदी * *हिंदी ही गीता का ज्ञान* * सागर से गहरी है हिंदी* *मूल में इसके जनकल्याण*  *उच्चारण से आचरण तक  नहीं हिंदी का कोई भी सानी*  *ह्रदय की भाषा है हिंदी  हर हिंदुस्तान का स्वाभिमान*  *सुर की सरगम,दिल की धड़कन हिंदी भाषा अति महान*  *फादर कामिल बुल्के ने विदेशी होकर भी हिंदी की महत्ता को जाना* * किया निर्माण हिंदी शब्दकोश का लक्ष्य था हिंदी महता को दर्शाना* *मात्रभाषा ही नहीं मातृभाषा है हिंदी भावों का सबसे सुंदर श्रृंगार* *सरलता सहजता और सरलता हिंदी की नींव का दृढ़ आधार* *सुर की सरगम दिल की धड़कन  हिंदी भाषा अति महान* *सरल,सहज, सरल, सुगम,  बो

दिल की धड़कन