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रघुनंदन

शब्द हैं हनुमान तो भाव हैं श्री राम। thought by snehpremchand

शब्द  हैैं  हनुमान तो भाव हैं श्री राम,   समर्पण हैं हनुमान तो त्याग हैं श्री राम, शौर्य हैं हनुमान तो सयंम हैं श्री राम, गंगा हैं हनुमान तो गंगोत्री  हैं श्री राम, यमुना हैं हनुमान तो यमुनोत्री हैं श्री राम, उदभव हैं हनुमान तो उदगम हैं श्री राम, पालकी हैं हनुमान तो कहार हैं श्री राम, कला हैं हनुमान तो सृजन हैं श्री राम, हरियाली हैं हनुमान तो प्रकृति हैं श्री राम, अभिव्यक्ति हैं हनुमान तो अनुभूति हैं श्री राम, ज्योत्स्ना हैं हनुमान तो इंदु हैं श्री राम, आरुषि हैं हनुमान तो आफ़ताब हैं श्री राम, चौपाई हैं हनुमान तो मानस हैं श्री राम, गीता हैं हनुमान तो ज्ञान हैं श्री राम, पूजा हैं हनुमान तो मन्दिर हैं श्री राम, समिधा हैं हनुमान तो यज्ञ हैं श्री राम, सामर्थ्य हैं हनुमान तो आदर्श हैं श्री राम, जुगनू हैं हनुमान तो चमक हैं श्री राम, कोहेनूर हैं हनुमान तो दमक हैं श्री राम, तर्क हैं हनुमान तो विज्ञान हैं श्री राम, पर्व हैं हनुमान तो उल्लास हैं श्री राम, शिक्षा हैं हनुमान तो संस्कार हैं श्री राम, परीक्षा हैं हनुमान तो परिणाम हैं श्री राम, आलोक हैं हनुमान तो प्रकाशपुंज है