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क्यों हुए

दरक। thoight by snehpremchand

झट से दरक जाता है नाता, कह दो गर कोई सीधी बात। घुमा फिरा कर हमें कहना नहीं आया,  जख्मी  हुए,जाने कितनी ही बार हमारे ज़ज़्बात।।         स्नेहप्रेमचंद