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मात्र जिह्वा की स्वाद की खातिर Thought by Sneh Prem chand

मात्र जिह्वा के स्वाद की खातिर क्यों चलाते हो बन्धु निष्ठुर कटार, आए हो जो इस जग में, करो हर प्राणी से सच्चा प्यार।।         स्नेह प्रेमचंद

मांसाहारी Thought by sneh premchand

मत काट मुझे ओ इंसा, देख न चला मुझ पर कटार। आए हो गर प्राणी जगत में, फिर करो न हम सब से प्यार।।         स्नेह प्रेमचंद

मात्र जिह्वा के स्वाद की खातिर

मात्र जिह्वा के स्वाद की खातिर क्यों मुझ पर चलाते हो तुम कटार?? आए हो जो इस प्राणी जगत में, करो न हर प्राणी से प्यार।।।         स्नेह प्रेमचन्द