ज़िक्र ए जेहन thought by sneh premchand July 20, 2020 ससुराल चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, मायका कभी भी भुलाया नहीं जाता। शायद ही कोई भोर सांझ होगी ऐसी, जब जिक्र जेहन में उसका नहीं आता।। स्नेह प्रेमचंद Read more