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मात पिता। thoight by snehpremchand

जाने कितनी ज़द्दोज़हद,कितनी मेहनत,कितने समझौते,और कितनी ही छिपे हुए होंगे सतकर्म। माँ बाप यूँ ही नही करते परवरिश हमारी, मान लेते हैं इसे ही सबसे बड़ा धर्म।।