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साहित्य

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कुछ उदित हुए

ओ लेखनी

वक्त से बड़ा नहीं कभी कोई (thought by Sneh premchand)

फ़रियाद

साहित्य

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साहित्य के आदित्य से रोशन हो जाता है जब ये जहांन अंधेरे को मिलती है किरण रोशनी की,नही होता ये जग वीरान।।

साहित्य thought by snehpremchand

साहित्य के आदित्य से जीवन मे नीरसता को सुगमता से दूर किया जा सकता है।साहित्य समाज का दर्पण तो है ही,उज्ज्वल भावनाओ के माथे पर ज्ञान का तिलक है।।बिन साहित्य तो मनुष्य पशु समान है।।