Skip to main content

Posts

Showing posts with the label एल आई सी

चंद लफ्जों में कैसे कह दूं निगम की 67 बरस की अद्भुत कहानी??(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

भा---रतीय जीवन बीमा निगम का दूसरा नाम है *सुरक्षा और विशवास* *भरोसे की नाव में,आश्वासन के चप्पू* *सुखद वर्तमान उज्जवल भविष्य की आस* र---खा है जिसने स्नेह और सौहार्द सभी से, तभी निगम है अति खास *मां की गोद* सा है निगम हमारा *सर्वे भवन्तु सुखिन* का भाव इसमें बेहिसाब ती---र्थ भी कर्म है,धाम भी कर्म है,इसी सोच से हुआ सतत निगम का चहुंमुखी विकास *योगक्षेम वहाम्यंह* लोक कल्याण के वास्तविक अर्थ को चरितार्थ करती महान संस्था सच कितनी खास य---हाँ, वहाँ सर्वत्र पसारे पाँव निगम ने, अपने अस्तित्व का इसे आभास हर गली, कूचे,गलियारे में बजता है अनहद नाद सा,  जन जन को आता है अति रास *सेवा संग मुस्कान के* होती है यहां,होता है सार्थक परिकल्पना,प्रतिबद्धता और प्रयास जी--वन के साथ भी,जीवन के बाद भी,निराशा में भी आशा का किया है वास हो जाए गर कोई अनहोनी *मैं हूं ना* का करवाता है अहसास व---नचित न रहे कोई भी उत्पादों से, इसके,यथासंभव किया हर प्रयास झोंपड़ी से महलों तक पहुंचे उत्पाद हमारे *संकल्प से सिद्धि तक यही प्रयास* न---भ सी छू ली हैं ऊंचाईयां, आता है धरा के भी रहना पास हर वर्ग है ग्राहक इसका, जैसी जरूरत वैस

आज जन्मदिन है जिनका