पता ही नहीं चला कब बीत गए इतने साल। बेहतरीन थे वे लम्हे जो गुजारे संग तेरे,तेरा व्यक्तित्व बड़ा कमाल।। पता ही नहीं चला कब छोटी सी अंजु इतनी बड़ी हो गई जो घर परिवार संग देश की जिम्मेदारी भी लेती थी संभाल।। पता ही नहीं चला कब वतन आती थी कब परदेस चली जाती थी।। पर तेरा जहान से जाना इस बात का बखूबी पता चल रहा है।।