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Showing posts with the label दिल से

नाता

शुक्रिया

शुक्राना

जिन्हे हम भूलना चाहें(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा आर्ट। ऐना द्वारा ))

नहीं आता

Thought on sweet voice