बोझ उठा कर भी मां मेरी! तूने मुझ को पाला है। जब भी मैं सहमा जीवन में, तूने ही मुझे संभाला है।। रात के गहन अंधियारों में, मां तूं ही एक उजाला है। इस विषैली दुनिया में मां, तूं अमृत का प्याला है। कोई कामयाबी,कोई सफलता, मां सच तुझ बिन संभव नहीं। ऐसा शब्दकोश तूं जीवन का, शब्द जिसमे कोई असंभव नहीं।। पूरी जन्नत का सुख तो, मां तेरा एक निवाला है। बोझ उठा कर भी मां मेरी, तूने मुझ को पाला है।। खुद गीले में सोकर मां मुझे तूं सूखे में रखती है। खुद भूखी रह कर मां, पेट मेरा तूं भरती है।। हर संभव कोशिश कर के, सपने हमारे पूरे करती है।। हर जगह नहीं हो सकता वो, तभी तो तुझे,भेजता ऊपरवाला है।। बोझ उठा कर भी मां मेरी तूने मुझ को पाला है।। सौ बात की एक बात है मां जीवन की पहली पाठशाला है। **हर समस्या का हल है मां** **हमारा आज और कल है मां** **दिल में जैसे धड़कन मां** **संगीत में जैसे सरगम मां** **मां मारवाड़ में शीतल पानी** **मां जीवन की सबसे सुंदर कहानी** **वात्सल्य की गागर है मां** **संयम का गहरा सागर मां** मां को परिभाषित करना सच में होता नहीं आसान। एक अक्षर के छोटे से शब्द में सिमटा हुआ है