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तूं स्वस्थ रहे तूं खुश रहे Thought by Sneh premchand

दो पल के जीवन से एक उम्र चुरानी है, ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है। सौ फीसदी सत्य वचन ये, यही है सच में जीवन का सार।। एक बात आती है समझ में, प्रेम ही हर रिश्ते का आधार।। तूं स्वस्थ रहे,तूं खुश रहे, यही दुआ है तेरे जन्मदिन का उपहार।। चल झ्ट से करले,झोली भर ले, मन से करले जीजी स्वीकार।। मैं ही नहीं प्रकृति भी दे जाए, तुझे तेरे जन्मदिन पर ढेरों उपहार।। रवि दे जाए तुझे तेज अपना, इंदु अपनी शीतलता दे जाए।। तरुवर दे जाएं तुझे अपनी हरियाली, पवन निर्बाध गति सी दे जाए।। अनन्त गगन दे जाए तुझे ऊंचाईयां अपनी, सिंधु दे जाए असीम विस्तार।। धरा दे जाए अपना धीरज, Khilo सुमन सी, जैसे नीरज।। दिल है कि मानता ही नहीं, लेखनी है कि रुकती ही नहीं, शायद उसे है कहते होंगे प्यार।। जैसे ही जेहन में आती है तूं, भाव बिन न्योत्ते ही जाते हैं पधार।। मेरे दिल के दर्पण में तो नजर आता है बहुत बड़ा अक्स तेरा, सच में ज़िन्दगी तुझसे है गुलज़ार।। ओ मेरी मां जाई,मेरी छोटी जीजी, बखूबी निभाती है अपना हर किरदार।। अपनों की खुशी से ही तो सजता है अपना संसार।।। प्रेमवृक्ष की सबसे छोटी डाली, बड़ी प्यारी त्रिव