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गुलजार

अख्तियार

जिसे करना नहीं आता इज़हार होता है वो पिता का प्यार

इज़हार

जिसे करना नही आता इज़हार। होता है वो पिता का प्यार। भीतर से नरम,ऊपर से गर्म, सुरक्षित भबिष्य का आधार। हर संभव कोशिश करता है पिता बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की खातिर,हो हर बच्चा पिता का शुक्रगुजार।।

गुलज़ार thought by snehpremchand

हर गली,हर चौखट हो जाती है गुलज़ार जब अपनो से अपनो को मिलता है प्यार।।