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सत में सावित्री thought by snehpremchand

सत में सावित्री, मन्त्रो में गायित्री, धर्मयुद्ध की गीता, रामायण की सीता, वात्सल्य की मूरत, सबसे प्यारी सी सूरत, ऐसी ही होती है माँ।। है माँ की सर्वत्र सर्वदा  यही एक परिभाषा। पूरब,पश्चिम,उत्तर ,दक्षिण मा बच्चों के जीवन में, सबसे सुंदर आशा।। तरकश का बाण, तन में प्राण, ऐसी ही होती है माँ।।                     Snehpremchand