जुगनू से चमक रहे ये तारे कह रहे हों जैसे साँझ सकारे लांघना न दहलीज़ अपनी चौखट की होगी ज़िन्दगी,तो आएंगे एक दूजे के द्वारे।। जान है तो जहान है किसी ने सही फरमाया है।। आज नही तो कल टल जाएगा, जो आया मुसीबत का साया है।। स्नेहप्रेमचन्द