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मित्र सा रंगरेज

*मित्र सा रंगरेज भला कई और कौन* *पढ़ लेता है जो नयनों की भाषा और पढ़ लेता है मौन* *मित्र से बेहतर कोई इत्र कहां* *मित्र से सुंदर कोई चरित्र कहां* *मित्रता से अधिक कोई पवित्र कौन*         * कोई भी तो नहीं*