ज़िन्दगी की किताब September 28, 2020 ज़िन्दगी की किताब के,कुछ इतने मधुर होते हैं अल्फाज। झंकृत हो जाते हैं तार मन के,प्रेम का बजने लगता है साज।। जिस्म रूह हो जाते हैं एकाकार, अहसास खुद ही बोलने लगते हैं बिन आवाज़।। स्नेह प्रेमचंद Read more