Skip to main content

Posts

Showing posts with the label कर्तव्य पथ

Thought on humanity by sneh premchand

कर्तव्य पथ पर अकेले ही जो,  चल निकले हैं आप, जाने कितने ही अगणित दिलों की मिलेंगे दुआएं।।  सोनू सूद जी, चमक रहे हो इस जगत के नभ में आप आफताब से, बना रहे हो सरल,कठिन राहें।।  सब संभव हो सकता है,  गर दिल से हम वो करना चाहें। सोने सा दिल है सोनू जी, आपका, जरूरतमंदों के लिए खोल दी राहें।। घने बरगद से पेड़ हो आप, करुणा की फ़ैला दी शाखाएं।। व्यक्ति नहीं,बन गए हो एक विचार आप, कम है जितना भी आप को हम सराहें।। काश हर एक सबल हाथ थाम लेे  एक निर्बल का, कितनी ही खुशियां हम फिज़ा में फैलाएं।।             स्नेह प्रेम चंद