Skip to main content

Posts

Showing posts with the label das gayi

ये कौन सी मावस आ गई

ये कौन सी मावस आ गई  जो डस गई पूनम के उजियारे। हानि धरा की लाभ गगन का, आती है याद तूं सांझ सकारे।। एक हूक सी उठती है सीने में, जैसे सुलग रहे हों राख के नीचे अंगारे।। उच्चारण से अधिक आचरण में  था विश्वाश तेरा, सदा तूने बिगड़े काम सुधारे।।