चंद लफ्जों में कैसे करूं मां शुक्रिया तेरा,शब्दों भावों में नहीं वह गहराई किस किस बात का करूं मैं शुक्रिया तेरा,मां हूं तेरी ही परछाई जीवन देने के लिए,बेहतरीन परवरिश के लिए,कर्म से भाग्य बदलने के लिए,शिक्षा भाल पर संस्कारों का टीका लगाने के लिए,उच्चारण नहीं आचरण में हर बात लाने के लिए,विषम परिस्थितियों में भी हार न मानने के लिए,कर्म का अनहद नाद बजाने के लिए,संकल्प को सिद्धि से मिलाने के लिए, मधुर वाणी के लिए, ऊर्जा,उल्लास,जिजीविषा जैसे भाव पल्लवित करने के लिए, रिश्तों को बड़े प्रेम से सहेजने के लिए,कुछ दरगुज़र कुछ दरकिनार करने के लिए,आजीवन स्नेह बरखा करने के लिए, हर क्रिया के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए,जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण के लिए,नजर नहीं नजरिया विकसित करने के लिए,अपने भीतर छिपी अगणित संभावनाओं को पहचान उन्हें निखारने के लिए, जिंदगी भाल पर शांति तिलक लगाने के लिए, हर हालत में कभी हालातों को दोषी ना ठहराने के लिए,प्रेम भरे उपहारों के लिए, दिल से स्नेह देने के लिए,एक अच्छी मां,सहेली,मार्गदर्शक बनने के लिए,घर को जन्नत बनाने के लिए,रिश्तों की गहराई समझा ने के लिए,साफ सफा...