माँ के प्यार को शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल है दुनिया में माँ से ज़्यादा प्यार कोई और कर ही नहीं सकता जीवन की राह में आने वाली सभी बाधाओं को हटाती है माँ माँ हमारे बारे में सब कुछ जानती है … बिना कुछ कहे ही क्या चाहिए.. माँ समझ जाती है माँ बिना थके हम सब बच्चों की इच्छा पूरी करना चाहती थी पढ़ा लिखा कर एक अच्छा इंसान बनाना चाहती थी और हमेशा ख़ुश देखना चाहती थी हमें .. माँ से ही वजूद हैं हम सब भाई बहनों का .. कुछ भी कहना कम है चूल्हे की जलती रोटी सी तेज आँच में जलती माँ सिर पर रखे हुए पूरा घर अपनी – भूख -प्यास से ऊपर , घर को नया जन्म देने में धीरे -धीरे गलती माँ ! सब दुनिया से रूठ रपटकर जब मैं बेमन से सो जाती हौले से वो चादर खींचे अपने सीने मुझे लगाती खूब मनाती रात भर फिर खाना खिलाकर सुलाती माँ जब भी बुख़ार आया हमें या हुआ चिकनपाक्स.. रात रात भर जगती और आँचल से बदन को सहलाती माँ माँ तुम्हारा स्नेहपूर्ण स्पर्श अब भी सहलाता है मेरे माथे को तुम्हारी करुणा से भरी आँखें अब ...