सोच कर्म परिणाम की बही त्रिवेणी रच दिया निगम ने अनूठा इतिहास संकल्प ने नजरें मिलाई सिद्धि से क्या कुछ नहीं कर सकते प्रयास ठान लिया जो भी चित में उसे कर डाला, एल आई सी का दूजा नाम *विश्वाश* भरोसा जीता है सदा ही इसने सुरक्षा,संरक्षा और संवृद्धि रही इसके पास अनेक उत्पाद दामन में समेटे रखे अनेक विकल्प सदा अपने पास सुख दुख में सदा साथ निभाया जैसे सुमन में महकती हो सुवास एल आई सी है तो फिर फिक्र किस बात की????? एल आई सी एक सुखद आभास मात्र वित्तीय संस्थान ही नहीं है ये *मैं हूं ना* का भाव है इसके पास